पूछती हो जब मिलती हो,
ख्यालों में या किस्सों में,
या सपनों की किश्तों में,
हमारे बीच क्या है?
सुनो!
मेरा और तुम्हारा,
बस इतना ही नाता रहा,
क्षणिक सी दुनिया रही,
मैं और तुम चिरपरिचित हुए।
पूछती हो जब मिलती हो,
ख्यालों में या किस्सों में,
या सपनों की किश्तों में,
हमारे बीच क्या है?
सुनो!
मेरा और तुम्हारा,
बस इतना ही नाता रहा,
क्षणिक सी दुनिया रही,
मैं और तुम चिरपरिचित हुए।