मुझे होना है
कभी किसी बस के सफर में किसी कांधे पर सिर टिका कर सोए हो?
मुझे सोना है
किसी के सिर को अपने कांधे पर पाकर उस सिर से सिर मिला कर
मुझे सोना है
कभी किसी की गोदी में रख कर सिर एक पेड़ की छांव में सोए हो?
मुझे सोना है
या पीठ से पीठ सटा कर, किसी किताब में कहानी पढ़ पढ़
मुझे खोना है
आढ़े तिरछे रास्तों पर बातों में डूबे हुए खोए हो क्या कभी?
मुझे खोना है
साथ चलते हुए अक्सर टकरा जाती उन अंगुलियों के एहसास को,
मुझे छूना है
गर्म चाय के प्याले को थामते उन हाथों की छुअन पहचानते हो क्या?
मुझे छूना है
कुछ ऐसी छोटी छोटी सी बड़ी कहानियों में तुम्हारे पास, और पास
मुझे होना है