मैं फूल टाँक रहा हूँ तुम्हारे जूड़े में,
तुम्हारी आँख मसर्रत से झुकती जाती है,
न जाने आज मैं क्या बात कहने वाला हूँ,
ज़बान ख़ुश्क है आवाज़ रुकती जाती है!
--- साहिर लुधियानवी(Image Credits: Google)
मैं फूल टाँक रहा हूँ तुम्हारे जूड़े में,
तुम्हारी आँख मसर्रत से झुकती जाती है,
न जाने आज मैं क्या बात कहने वाला हूँ,
ज़बान ख़ुश्क है आवाज़ रुकती जाती है!
--- साहिर लुधियानवी(Image Credits: Google)