I, without I (अनलहक) Blasphemous Aesthete · Anhalak नींद से उठा तो हूं, पर कुछ मद सा (अभी) छाया है स्थिर चित में निरंकुश वेग, जैसे... Posted on: July 8, 2020 Read More #Blog #Hindi #Poem #Stories #हिंदी
Mango man (आम के आम) कहते हैं, प्यार करने की कोई उम्र नहीं होती *। पता नहीं । नहीं होती होगी, पर मौसम ज़रूर होता है - जैसे आम का होता है । उस... Posted on: June 27, 2020 Read More #Blog #Creative Writing #Festivals #Hindi #Love #perspective #Random #हिंदी
Coats (तुम सुनो तो बोलूं सब) तुम सुनो तो बोलूं सब घेरे मुझ पर भी हैं हज़ारों, कुछ अपने आप ही लादे हुए - कपड़ों और चेहरों जैसे, एक उतारता हूँ दूसरा... Posted on: May 5, 2020 Read More #Blog #Creative Writing #Hindi #Poem #हिंदी
मिट्टी की महिमा मिट्टी की महिमा मिटने में मिट मिट हर बार सँवरती है मिट्टी मिट्टी पर मिटती है मिट्टी मिट्टी को रचती है मिट्टी की... Posted on: Oct. 4, 2019 Read More #Hindi #Poem #Poetry
Semal एक भभकती दोपहर में, जाने कौन सा वचन निभाने को, कुछ तेज़ हवाएं सी बहने लगीं | उनको आता देख सेमल ने, अपनी बाहें खोल लीं... Posted on: May 3, 2019 Read More #Hindi #Poem #Poetry