Nature (कुदरत हिसाब लेती है) कुदरत? कुदरत हिसाब लेती है पूरा हिसाब लेती है अरे! ऐसे क्यों देख रहे हो? जो है वो प्रत्यक्ष है और जो प्रत्यक्ष नहीं... Posted on: May 21, 2020 Read More #Blogging #Creative Writing #Poem #हिंदी
Coats (तुम सुनो तो बोलूं सब) तुम सुनो तो बोलूं सब घेरे मुझ पर भी हैं हज़ारों, कुछ अपने आप ही लादे हुए - कपड़ों और चेहरों जैसे, एक उतारता हूँ दूसरा... Posted on: May 5, 2020 Read More #Blog #Creative Writing #Hindi #Poem #हिंदी
To be like water मैं पानी सा होना चाहता हूं, बहते पानी सा नहीं, और न ही ठहरे हुए पानी सा, बस, पानी सा पुलकित हो कर भाप सा, नभ में बादल... Posted on: May 2, 2020 Read More #Blogging #Creative Writing #Philosophy #Poem #हिंदी
Ties to masts (Khoonte ) किसी खूंटे से खुद को खुद ही बाँध कर, देखता हूँ दुनिया को नई आँखों से झाँक कर, सब तो वही है, पर वही भी तो नहीं है बताओ... Posted on: Feb. 7, 2020 Read More #Blog #perspective #Poetry #हिंदी
Semal एक भभकती दोपहर में, जाने कौन सा वचन निभाने को, कुछ तेज़ हवाएं सी बहने लगीं | उनको आता देख सेमल ने, अपनी बाहें खोल लीं... Posted on: May 3, 2019 Read More #Hindi #Poem #Poetry